पटना। बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि जदयू को 15 साल बेमिसाल कार्यक्रम करने से पहले जनता को यह बताना चाहिए कि बिहार में 76 घोटाले कैसे हुए। हर दिन हत्याओं का दौर कैसे जारी है और जहरीली शराब से सैकड़ों लोगों की जानें कैसे गई।
जिस समदर्शी नेतृत्व की बात करते हैं उसी नेतृत्व के द्वारा लगातार पलटीमार की राजनीति सत्ता के लिए कैसे की जाती रही है। इतना ही नहीं राजनीति को सामाजिक सरोकार से जोडऩे की बात करने वाली जदयू को यह स्पष्ट करना चाहिए कि बिहार में मुजफ्फ रपुर शेल्टर होम जैसी घटनाएं को क्या उसी बेमिसाल सरकार का हिस्सा माना जाए यह फिर सृजन घोटाले को।
जब नीतीश कुमार 2015 में महागठबंधन के साथ आए तब लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के दबाव के बाद ही 1अप्रैल 2016 को शराबबंदी की घोषणा की जबकि उससे पहले नीतीश कुमार 2005 से भाजपा के साथ थे तो गांव गांव शराब की दुकान खुलवाने का काम किया और शराब प्रोत्साहन नीति के माध्यम से पूरे सामाजिक वातावरण को दूषित करने का काम किया।
जब भाजपा के साथ दोबारा 2017 में गठबंधन की तो फि र से कागज में तो शराबबंदी दिखी लेकिन हर घर तक होम डिलीवरी जारी रही। एजाज ने आगे कहा कि नीतीश कुमार ने सिर्फ घोषणा ही की है उस पर अमल अब तक नहीं किया।
बेमिसाल राजनीति में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा विशेष पैकेज के साथ साथ समावेशी विकास की बातें तो की है लेकिन इनके इस कथनी की हवा केंद्र सरकार ने नीति आयोग की रिपोर्ट से ही स्पष्ट कर दी है कि बिहार विकास के मामले में भारत का सबसे फिसड्डी राज है।